लोक तंत्र का दूसरा स्तम्भ गिरा ?
न्याय व्यवस्था पर उठे सवाल
2002 के दंगा करने वालो को सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत
लड़की का बलातकार करने वालो को ज़मानत
देश में हर तरफ जनता आंदोलन कर रह रही है और उच्च न्यायलय सो रहा है
देश की अवाम पर रोज़ गोलियां चल रही है और उच्च न्यायलय सो रहा है
जनता को गोली मारो के नारे दिए जा रहे है और उच्च न्यायलय सो रहा है
आखिर देश का एक स्तम्भ इस तरह कमज़ोर क्यों पड़ा
आखिर कार क्यों मुज़रिमों को ज़मानत मिल रही है
दूसरी तरफ बेगुनाहो को जेल में डाला जा उनको ज़मानत तक नहीं मिल रही
इतना कमज़ोर क्यों है
कौनसी ताकते इस पर हावी है
एक तरफ़ा फैसला क्यों दिया जरा है
हमारा देश आखिर किस जानिब जा रहा है
सत्ता का काबिज़ लोग ये भूल गए है वह सिर्फ जनता के नौकर है
जो जनता की दी गई टैक्स से जीते है
अब वक़्त आ गया है उन्हें हम बता दे के वह मालिक नहीं नौकर है और सत्ता पर तभी तक काबिज़ रह सकते है जब तक हम चाहते है
अब वक़्त आ गया है के इन्हे सत्ता से हटा दे
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