पुलिस की बरबर्ता,
नागरिकता कानून के विरोध पर्दशनों को रोकने के लिए पुलिस जो बर्बरता दिखा रही है ! शायद उसने अपना ज़मीर बेच दिया है!
वह शायद ये भी गए है के उन्हें भी इसी देश में रहना है!
और जिस सत्ता की ग़ुलामी कर रहे है वही सत्ता में बैठे लोगो को भूल रहे है जिस तरह वो तुमसे दुसरो को नुकसान पोहचा रहे है उसी तरह तुम को उसी से गुज़ारना होगा !
सत्ता में बैठा इंसान सदा के लिए नहीं आता मरना सबको बरहक़ है! सत्ता भी किसी की नहीं हुई बूत तमने जो अपबा ज़मीर बेच दिया है उसका अंजाम तम्हारी आने वाली नस्लों पर दिखेगा क्या मुँह दिखाओगे अपनी औलादो को ज़रा बताओ
अभी भी वक़्त है जाग जाओ ये संघी और भाजपाई अपने देश के नहीं हुए तुम्हारे क्या होंगे!
नागरिकता कानून के विरोध पर्दशनों को रोकने के लिए पुलिस जो बर्बरता दिखा रही है ! शायद उसने अपना ज़मीर बेच दिया है!
वह शायद ये भी गए है के उन्हें भी इसी देश में रहना है!
और जिस सत्ता की ग़ुलामी कर रहे है वही सत्ता में बैठे लोगो को भूल रहे है जिस तरह वो तुमसे दुसरो को नुकसान पोहचा रहे है उसी तरह तुम को उसी से गुज़ारना होगा !
सत्ता में बैठा इंसान सदा के लिए नहीं आता मरना सबको बरहक़ है! सत्ता भी किसी की नहीं हुई बूत तमने जो अपबा ज़मीर बेच दिया है उसका अंजाम तम्हारी आने वाली नस्लों पर दिखेगा क्या मुँह दिखाओगे अपनी औलादो को ज़रा बताओ
अभी भी वक़्त है जाग जाओ ये संघी और भाजपाई अपने देश के नहीं हुए तुम्हारे क्या होंगे!
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