अपनी सुरक्षा पर रोज़ाना 1 करोड़ 62 लाख रूपए ख़र्च करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास देश की सुरक्षा के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं। भारतीय नौसेना के पास इतना फंड नहीं है कि वह अपने विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को रखने के लिए बेस तैयार कर सके। जिसके चलते आईएनएस विक्रांत को निजी शिपयार्ड पर रखने का फ़ैसला किया गया है। आजतक में छपी ख़बर के मुताबिक, इस बात की जानकारी भारतीय नौसेना के वाइस चीफ ने रक्षा मामलों की स्टैंडिंग कमिटी के समक्ष दी। उन्होंने स्टैंडिंग कमिटी से कहा, “रक्षा मंत्रालय से हमने कट्टूपल्ली L&T शिपयार्ड के बारे में बात की है, वहां पर 260 मीटर बर्थ लीज पर लेना है जिसपर अगले आठ सालों (2022-2030) के लिए विमान वाहक पोत आईएनएस रखा जाएगा”। वाइस चीफ ने कमिटी को बताया कि इसके लिए हर साल 30.48 करोड़ रुपये किराया देना पड़ेगा। इसके अलावा नौसेना को 48 करोड़ रुपये भी लार्सन एंड टूब्रो के पास जमा करना होगा, हालांकि ये 48 करोड़ रुपये वापस लिए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमें रक्षा मंत्रालय से हरी झंडी का इंतज़ार है। बता दें कि पहले फैसला किया गया था कि आईएनएस विक्रांत को विशाख...
Comments
Post a Comment