कौन कहता है
की सब कुछ नही बिकता इस दौर में
मैं कहता हूँ की
आज के इस दौर में सब कुछ बिकता है
लोगो का ज़मीर भी बिकता और ईमान भी
बस खरीदने वाला होना चाहिए
यहाँ सोना भी बिकता है और चाँदी भी
दूध भी और मूत भी
बेचने वाला चाहिए
खरीदार बहुत है
कल तक मीडिया में ऐड बिकते थे
आज पूरा मीडिया बिका हुआ है
कल तक कानून की किताबें बिकती थी
आज तो पूरा कानून ही बिका हुआ है
कल तक पुलिस की वर्दी बिकती थी
आज पुलिस बिकी हुई है
कल तक ट्रेन की टिकट बिकती थी
आज ट्रैन बिकी हुई है
कल तक पैट्रॉल बिकता था
आज पेट्रोल पंप की कंपनी बिकी हुई है
कौन कहता है सब कुछ नही बिकता
तुम बोली तो लगाओ लोग अपनी रूह भी बेच देंगे
मैं कहता हूँ सब कुछ बिकता है इस दौर में
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