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Showing posts from January, 2020

ye watan hamara hai

ये वतन हमारा है, ये मुल्क हमारा है, हम है इस मुल्क़ के बाशिंदे, क्यों कि ये देश हमारा है, खून के हर क़तरे में है मुल्क़ से मोहब्बत, क्यों कि ये वतन हमारा है  हमसे ना मांगों वतन परस्ती का सबूत  क्यों कि वतन की मिटटी में हमारा खून समाया है  हमसे का क्या मांगते हो सबूत जनाब  हमने तो इस देश की मिटटी को अपना खून पिलाया है  जब हमने दी थी क़ुरबानी तब तुमने पीठ दिखाया है  हमने किया कलम दुश्मनो का सर  तुमने तो उनके आगे सर झुकाया है  Written By Tauqeer Ahmad Shamsi

UPPolice Blanket CHor

ज़मीर मर गया है या उत्तर प्रदेश पुलिस ने बेच दिया है  या फिर इंसानियत ही मर गई है  तुम तो गोडसे और सावरकर से भी नीचे गिर गए  अपने शहर की माँ बहनो से सुबह ४ बजे जा के उनके बिस्तर छीन लिएं इस ठण्ड में उनके साथ मासूम बच्चे भी नहीं दिखे  अगर दम है तो बिना किसी एक्स्ट्रा कपडे के इस ठण्ड में रह के दिखाओ  शर्मआनी चाहिए  तुम्हारी भी माँ बहने है कल को अगर वो किसी बात के लिए धरना दे उनके साथ ऐसा हो  तब क्या करोगे 

What is CAA?

CAA क्या है ? लगातार मैं देख रहा हूँ,  गोदी मीडिया,  गोबर भक्त,  तड़ीपार और  उसके चमचे लोगो से पूछ रहे है,  जो इसके खिलाफ खड़े है  के ये नागरिकता देने का कानून है लेने का नहीं तो विरोध क्यों  तो मैं उन्हें बताना  के इस देश के संविधान के खिलाफ बने हर कानून का विरोध करूँगा  फिर चाहे जिस तरह का कानून क्यों न हो  ये कानून संविधान विरोधी है  क्यों के ये देश धर्म निरपेछ था, है और रहेगा  तुम क्या तुम्हारे जैसे 365 क्यों न आ जाये हम संविधान से हट के या उसके खिलाफ बने कानून का विरोध करते रहेंगे  और मेरा उन सभी लोगो से गुज़ारिश है अगर आप इस कानून के खिलाफ पर्दशन कर रहे है और दलाल मीडिया आपके पास आ के ये पूछे के विरोध क्यों  तो आपको पता होना चाहिए  के विरोध क्यों, क्यों के जब आप कैमरा पर जवाब नहीं दे पा रहे है तो इसका फायदा वह उठा रहे है  तो कम से कम इतना तो बोल दीजिये के आप वहा क्यों खड़े है या  रैली में क्यों शामिल हुए 

this is gandhi's country

 लोग पूछते है CAA से लोग क्यों डरते है  तड़ीपार पूछता है लोगो को का का डर क्यों है  खासतौर पर मुसलमान को डर लग रहा है   वह लोगो के बहकावे में आ रहे है  मैं मोदी, शाह और उनके चमचो को बताना चाहता हूँ  न कोई मुस्लमान, न कोई सच्चे हिंदुस्तानी तुमसे और तुम्हारे चमचो से डरता नहीं है डरते तुम हो हम नहीं कायर तुम हो हम नहीं ये देश हमारा है तुम्हारे बाप का नहीं देश हमारा था हमारा है और हमारा रहेगा  और रही बात बहकावे की तो तुम्हे बताना चाहता हूँ  हम तुम्हारी तरह अनपढ़ नहीं है  हम पढ़े लिखे है तुम्हारी तरह ज़ाहिल है  सत्ता में काबिज़ हो इसका मतलब ये नहीं जो दिल में आएगा करोगे  और अगर भूल गए हो तो याद दिलाना चाहता हूँ तुम्हारे बाप दादाओं ने अंग्रेज़ो की  गुलामी की थी  माफ़ी उन्होंने ने माँगी थी हम ने नहीं    

हम देखेंगे, लाज़िम है अगर तो हम भी देखेंगे

हम देखेंगे, लाज़िम है अगर तो हम भी देखेंगे तुम कब तक लाठी चलवाओगे हम देखेगें तुम कब तक खून बहाओगे हम देखेगें तुम कब तक डराओगे हम देखेंगे  तुम कब तक ज़ुल्म कराओगे हम देखेंगे तुम कितनों का ज़मीर खरीदोगे हम देखेंगे  खून हमारा भी है शामिल इस मिटटी मे हम देखेंगे तुम देश से कैसे निकलवाओगे हम देखेंगे   तुम किस किस तरह इस मुल्क को बाटोगे लेकिन इस मुल्क को बाट न पाओगे हम देखेंगे  ये मुल्क नहीं है तुम्हारा  ये मुल्क है हम सब का तुम देखोगे

भक्त बनना आसान नहीं,

भक्त बनना आसान नहीं,  मोदी भक्त बनने के लिए,  मोदी की तरह ही किसी भी डिग्री की ज़रूरत नहीं  बस कुछ बातों का ध्यान रखना है और आप भक्त बन जायेगे  भक्त बनने के लिए निम्न बातो का ध्यान रखना ज़रूरी है  १. दिमाग की जगह गोबर लाना होगा  २. दिल में मुस्लिम के लिए नफरत पैदा करनी होगी  ३. मोदी और शाह जो भी बोले हाँ में हाँ मिलनी होगी  ४. मोदी और शाह जो भी करे उसी सही बोलना  ५.  खुद के बेटे को पत्ते चाती सिखाओ  ६. खुद के घरवालों से भीख मंगवाओ  ७. शाह के बेटे के चेयरमैन बनने पर खुसियां मनाओ  ८. अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से लड़ जाओ जो भी भक्तो के खिलाफ बोले  ९. जहाँ भी मोदी, योगी और शाह बोले वही थूक के चाटो फिर चाहे थूक अपना हो या मोदी का 

Faiz Ahmad Faiz हम देखेंगे

हम देखेंगे लाज़िम है कि हम भी देखेंगे वो दिन कि जिसका वादा है जो लोह-ए-अज़ल [1]  में लिखा है जब ज़ुल्म-ओ-सितम के कोह-ए-गरां  [2] रुई की तरह उड़ जाएँगे हम महकूमों [3]  के पाँव तले ये धरती धड़-धड़ धड़केगी और अहल-ए-हकम [4]  के सर ऊपर जब बिजली कड़-कड़ कड़केगी जब अर्ज-ए-ख़ुदा के काबे से सब बुत [5]  उठवाए जाएँगे हम अहल-ए-सफ़ा [6] , मरदूद-ए-हरम [7] मसनद पे बिठाए जाएँगे सब ताज उछाले जाएँगे सब तख़्त गिराए जाएँगे बस नाम रहेगा अल्लाह [8]  का जो ग़ायब भी है हाज़िर भी जो मंज़र [9]  भी है नाज़िर [10]  भी उट्ठेगा अन-अल-हक़ [11]  का नारा जो मैं भी हूँ और तुम भी हो और राज़ करेगी खुल्क-ए-ख़ुदा [12] जो मैं भी हूँ और तुम भी हो

बीजेपी का छात्र आंदोलन से डर और बीजेपी की बनने की कहानी

बीजेपी का छात्र आंदोलन से डर और बीजेपी की बनने की कहानी  इंदिरा गाँधी के इमरजेंसी के टाइम पर ABVP का गठन हुआ और उसके नेता बने  अरुण जैटली और बहुत सारे आंदोलन किये  लेकिन कभी भी कांग्रेस ने उसे दबाया नहीं  फिर अरुण जेटली ने कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिए  बहुत हिंसा की, आगज़नी की, देश का नुकसान किया  और अंत मे केंद्रीय मंत्री को अगवा (किडनैप ) किया और कांग्रेस को सत्ता से हटने पर मजबूर किया  और इस तरह ABVP से बीजेपी का जन्म हुआ  सिर्फ यही एक कारण है जो पूरी बीजेपी और मोदी इस छात्र आंदोलन की खिलाफ है 

बड़ा पछताओगे

तुम छात्रों से टकराओगे तो बड़ा पछताओगे, बड़ा पछताओगे तुम कलम को लाठियों से जो लड़वाओगे तो बड़ा पछताओगे,  बड़ा पछताओगे  तुम आंसूं गैस को चलवाओगे बड़ा पछतओगे, बड़ा पछताओगे तुम छात्रों पर गुंडे भिजवाओगे  बड़ा पछताओगे,  बड़ा पछताओगे  तुम हमसे जीत न पाओगे  बड़ा पछताओगे, बड़ा पछताओगे तुम सत्ता छोड़ के जाओगे,  बड़ा पछताओगे बड़ा पछताओगे तुम हमसे जो टकराओगे  बड़ा पछताओगे,  बड़ा पछताओगे तुम हमको निकाल न पाओगे  बड़ा पछताओगे,  बड़ा पछताओगे

ज़मीर तो बेचा ही था इंसानियत भी बेच दी क्या

ज़मीर तो बेचा ही था  इंसानियत भी बेच दी क्या  दिल्ली पुलिस का कोई ईमान धर्म, इंसानियत नहीं बची क्या  आखिर सच सामने लेन से क्यों डर  रही है  ABVP का इतना खौफ के इंसानियत भी बेच दी  जो शपथ खाई थी वो भी बेच दी  ये न भूलो जो तुम आज कर रहे है वह  कल तुम्हारे सामने भी आएगा  इतिहास हमेसा दोहराता है  कही ऐसा न हो जो तुम आज  हम पर या देश की अवाम पर ज़ुल्म  कर रहे हो वह कल तुम्हारे सामने आएगा  जिन पर ज़ुल्म हुए, जिन को चोट लगी  FIR भी उन्ही लोगो पर  क्या अकल भी बेच दी और गोबर भर लिया है  क्या देश के लोगो को नहीं दिख रहा है कैमरा पर  किस तरह लोग चेहरे पर नक़ाब बांध कर आये  और हमला हुआ  अब दिल्ली पुलिस ये बताये कौन इंसान अपने हाथ पैर तोड़ेगा 

सब कुछ नही बिकता इस दौर में

कौन कहता है  की सब कुछ नही बिकता इस दौर में  मैं कहता हूँ की  आज के इस दौर में सब कुछ बिकता है  लोगो का ज़मीर भी बिकता और ईमान भी  बस खरीदने वाला होना चाहिए  यहाँ सोना भी बिकता है और चाँदी भी दूध भी और मूत भी बेचने वाला चाहिए  खरीदार बहुत है  कल तक मीडिया में ऐड बिकते थे  आज पूरा मीडिया बिका हुआ है कल तक कानून की किताबें बिकती थी आज तो पूरा कानून ही बिका हुआ है कल तक पुलिस की वर्दी बिकती थी  आज पुलिस बिकी हुई है कल तक ट्रेन की टिकट बिकती थी  आज ट्रैन बिकी हुई है कल तक पैट्रॉल बिकता था आज पेट्रोल पंप की कंपनी बिकी हुई है कौन कहता है सब कुछ नही बिकता  तुम बोली तो लगाओ लोग अपनी रूह भी बेच देंगे मैं कहता हूँ सब कुछ बिकता है इस दौर में

हमे चाहिए आज़ादी

हमे चाहिए आज़ादी  हमे चाहिए आज़ादी, हम लेके रहेंगे आज़ादी  हमे चाहिए आज़ादी, ये संघ वाद से आज़ादी,  ये मनुवाद से आज़ादी,  ये गोडसे वाद से आज़ादी  हमे चाहिए आज़ादी, हक़ हमारा है आज़ादी,  हम लेके रहेंगे आज़ादी, हम लड़ के लेगे आज़ादी  तुम कुछ भी कर लो,  हम लेके रहेंगे आज़ादी  हक़ हमारा आज़ादी  हमे चाहिए मोदीवाद से आज़ादी  हमे चाहिए शाह वाद से आज़ादी  हमें चाहिए बीजेपी वाद से आज़ादी  हक़ हमारा आज़ादी  तू कुछ भी कर ले  हम लेके रहेंगे आज़ादी  चाटु कारिता से आज़ादी  पक्षपात से आज़ादी  भ्रष्टाचार से आज़ादी  हम लेके रहेंगे आज़ादी  ये हक़ हमारा आज़ादी 

देश क्यों बिक रहा है

देश क्यों बिक रहा है आखिर मोदी और बीजेपी देश को क्यों बह रहे है बेचने के बाद आखिर पैसा कहा जरा है कोई बताएगा, कोई पूछेगा, कोई बोलेगा, आखिर कब तक यही होता रहेगा, पहले स्टेशन बेचे फिर तेजस बेचीं फिर लाल किला बेचा अब 150 और ट्रैन बेच दी एयर इंडिया भी बिकने वाला है इसके बाद भारत पेट्रोलियम बेच रही है

कौन है ना मर्द,जो................................... मेरी नज़र में वो ना मर्द है

कौन है ना मर्द जो बाँध कर लड़के लड़कियों पर हमला करे, मेरी नज़र में वो ना मर्द है जो हाथ में डंडा लेके निहत्तो पर हमला करे, मेरी नज़र में वो ना मर्द है जो सत्ता में बैठे है और सत्ता न सम्भाल सके,  मेरी नज़र में वो ना मर्द है जो चाँद रुपयों की खातिर अपना ईमान बेच दे, मेरी नज़र में वो ना मर्द है जो अवाम के सामने आके लगातार बोले, मेरी नज़र में वो ना मर्द है जो सत्ता हासिल करने के लिए छात्रों पर हमला करे, मेरी नज़र में वो ना मर्द है जो संसद में जा के झूट बोले, मेरी नज़र में वो ना मर्द है जो संसद में धर्म के आधार पर बाटे, मेरी नज़र में वो ना मर्द है 

वक़्त क्या है

वक़्त क्या है वक़्त एक सच्चाई है  जिसका हर शय गुलाम है  वक़्त की अच्छाई भी है और बुराई भी  जो वक़्त को समझ गया वो वक़्त के साथ आगे गया  जो वक़्त को कुछ भी नहीं समझता वक़्त कभी भी उसे अपने साथ नहीं  ले जाता बल्कि वह इंसान दुनिया में भी पीछे रह जाता है  वक़्त की एहमियत समझो और वक़्त का सही इस्तेमाल करो  वक़्त की अच्छी बात ये है के अपने साथ ज़िन्दगी में बुरा वक़्त को ले के आता है तो कुछ देर के लिए  वक़्त की बुरी बात ये है के अपने साथ ज़िन्दगी में अच्छे वक़्त को ले के आता है तो कुछ देर के लिए   

कोर्ट और कानून से जनता का उठता विश्वास

कोर्ट और कानून से जनता का उठता विश्वास जिस प्रकार सुप्रीम कोर्ट सो रहा है और लगातार सत्ता में बैठे लोगो के सपोर्ट में फैसले डेरा है उससे जनता में सुप्रीम कोर्ट से विश्वास ख़तम होता जरा है  विश्व में हिंदुस्तान पहला स्थान है जहाँ  देश जल रहा है  लोग मर रहे है  कानून का गलत फायदा उठाया जरा है  लेकिन मज़ाल हो के सुप्रीम कोर्ट के कोई भी बयां नहीं आ रहा है  ये कोनसा तरीका है ये समझ नही आरा है  सुप्रीम कोर्टऔर सी जे आई  को कुछ करना चाहिए  जो भी देश को बेच रहे है वो यह न  आने वाली नस्ले भी इसी देश रहेगी  इंक़लाब ज़िंदाबाद 

शर्म करो दो रुपया प्रति ट्वीट वालो

शर्म करो दो रुपया प्रति ट्वीट वालो ज़रा ये बताओ पैसो की खातिर क्या अपना इमान भी बेच दिया है जो दीपिका और दूसरे एक्टर के विरोध में ट्वीट कर के पैसा कामना इतना बड़ा है के मूवी का विरोध कर रहे रहो शर्म करो 

ऐसे लोगो को मैं न मर्द बोलूंगा

ये किस मिटटी के बने है जो यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में ज़बरन घुस कर निहत्ते बच्चो को मार रहे है मुँह पर पर्दा दाल कर लड़कियों पर हमला कर रहे है  आखिर यही सीखा है क्या अपने माँ बाप से के चंद पैसो की खातिर किसी पर इस तरह हमला करना  ज़मीर भी बेच दिया है क्या  ऐसी कायरता करते हुए शर्म नहीं आई  इतना खौफ किस बात का है अगर तुम सही होतो सामने से आके बात करो इस तरह गुंडे बुला के जो कर रहे वो सर्फ कायरता है  ऐसे लोगो को मैं न मर्द बोलूंगा  इन्क़िलाब ज़िंदाबाद

बी जे पी को छात्र आंदोलन से इतना खौफ क्यों

बी जे पी  को  छात्र आंदोलन से इतना खौफ क्यों सत्ता पर काबिज़ अमित शाह उर्फ़ तड़ीपार को यूनिवर्सिटी के छात्रों के आंदोलन को दबाने और कुचलने की क्या ज़रूरत मोदी और अमित शाह छात्र आंदोलन से इतना खौफ क्यों उन्हें खौफ इस लिए है क्यों के छात्र आंदोलन कोई आम आंदोलन नहीं उन्हें भी पता है के ये छात्र उनको सत्ता से उखाड़ कर फेक सकते है और हमे इसी तरह डटे रहना है अब हमे उन्हें सत्ता से उखाड़ फेकना है ये मुहीम अब यहाँ नहीं रुकेगी हमे चाहिए आज़ादी इंक़लाब ज़िंदाबाद 

देश को मोदी से आज़ादी चाहिए

जे एन यु  में हुए हमले का पुर ज़ोर विरोध करता हुँ केंद्र की बी जे पी सर्कार की कड़ी निंदा करता हूँ और चाहता हूँ के नरेंद्र मोदी सत्ता छोड़ दे मुझे लग रहा है जिस तरह मोदी सर्कार ने गुजरात जलाया था सत्ता पर काबिज़ रहते हुए वही काम उसकी सर्कार पुनः दौरान चाहती है लेकिन मैं ( देश की अवाम ) की आवाज़ बन कर कहना चाहता हूँ देश को मोदी से आज़ादी चाहिए इंक़लाब ज़िंदाबाद जय हिन्द  

सत्ता का घमंड

सत्ता पर बैठे  हुए ये समझ बैठे है के ये सत्ता उनके बाप की है मैं उन्हें बताना चाहता हूँ के तुम सिर्फ हमारे नौकर हो और नौकर ही रहोगे  सत्ता का इतना गुरुर अच्छा नही है, आज अगर तुम तख़्त नशीन हो तो कल नहीं होंगे अमित शाह दिल्ली में भाषण देते है के वह कानून वापस नहीं लेंगे तो मैं उन्हें बताना चाहता हु कानून जनता के लिए बनता है और जनता की भलाई के लिए लेकिन उनका भाषण में साफ़ साफ़ सत्ता का घमंड दिखाई देरा अमित शाह दुनिया के सबसे बड़े झूठे है और वह ये भी न भूले के वह एक तड़ीपार भी है 

एबीवीपी और बीजेपी चेहरा आया सामने

आज सुबह रैली में #अमितशाह धमकी देते है और शाम तक अमित शाह के गुंडे एबीवीपी के लोग #जवाहरलालनेहरुविष्वविद्यालय में जा कर लोगो को मर रहे है और दिल्ली पुलिस बाहर खड़ी तमाशा देख रहे है क्यों के गुंडे तो अमित शाह ने भेजे थे! इनकी आँखों का पानी भी मिट गया है इन्हे नहीं पता असल में ये क्या कर रहे है! धर्म और ग़ुलामी का पर्दा जो पड़ा हुआ है इसलिए इन्हे अभी कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है! क्यों  के इनके बच्चे यहाँ नहीं पढ़ते है ! जब सत्ता में ज़ाहिल लोग होंगे तो उनसे उम्मीद क्या की जा सकती है! लेकिन हम होनी लड़ाई लड़ते रहे गए और अंग्रेज़ो के चमचो से फिर से ये देश आज़ाद कराएंगे ! इंक़लाब ज़िंदाबाद जय हिन्द !

पुलिस की बर्बरता

पुलिस की बरबर्ता, नागरिकता कानून के विरोध पर्दशनों को रोकने के लिए पुलिस जो बर्बरता दिखा रही है ! शायद उसने अपना ज़मीर बेच दिया है! वह शायद ये भी गए है के उन्हें भी इसी देश में रहना है! और जिस सत्ता की ग़ुलामी कर रहे है वही सत्ता में बैठे लोगो को भूल रहे है जिस तरह वो तुमसे दुसरो को नुकसान पोहचा रहे है उसी तरह तुम को उसी से गुज़ारना होगा ! सत्ता में बैठा इंसान सदा के लिए नहीं आता मरना सबको बरहक़ है! सत्ता भी किसी की नहीं हुई बूत तमने जो अपबा ज़मीर बेच दिया है  उसका अंजाम तम्हारी आने वाली नस्लों पर दिखेगा क्या मुँह दिखाओगे अपनी औलादो को ज़रा बताओ अभी भी वक़्त है जाग जाओ ये संघी और भाजपाई अपने देश के नहीं हुए तुम्हारे क्या होंगे!

सत्ता का नशा

हेलो दोस्तों, अब वक़्त आ गया है हिंदुस्तान को फिर से आज़ाद कराने का! ये जो सत्ता में बैठे है ये शायद ये भूल गए है के ये देश के बादशाह नहीं है ! ये सत्ता पर काबिज़ लोगो को हमें बताना है के ये हमारे नौकर है! ये लोग वही लोग है जो अंग्रेज़ो से माफ़ी मांगते थे! अब वो ये समझ रहे है के ये देश उनके बाप का है तो हमे उन्हें बताना है ये देश किसी के बाप का नहीं है ! ये देश हम हिंदुस्तानियो का था है और रहेगा ! घमंड तो उस हिटलर को भी था और आज पूरी दुनिया जानती है उसका क्या हुआ! ये जो तड़ीपार बोल रहा है के कानून वापस नहीं लेगा तो हमे भी  उसे दिखाना है! हमे उनको सत्ता से हटाना है!