ये वतन हमारा है, ये मुल्क हमारा है, हम है इस मुल्क़ के बाशिंदे, क्यों कि ये देश हमारा है, खून के हर क़तरे में है मुल्क़ से मोहब्बत, क्यों कि ये वतन हमारा है हमसे ना मांगों वतन परस्ती का सबूत क्यों कि वतन की मिटटी में हमारा खून समाया है हमसे का क्या मांगते हो सबूत जनाब हमने तो इस देश की मिटटी को अपना खून पिलाया है जब हमने दी थी क़ुरबानी तब तुमने पीठ दिखाया है हमने किया कलम दुश्मनो का सर तुमने तो उनके आगे सर झुकाया है Written By Tauqeer Ahmad Shamsi